बेईमानी है अतीत पर पछतावा
जो बीत चुका है, उसको बार-बार दोहरा कर वर्तमान को नहीं सुधारा जा सकता। इसलिए ‘काश ऐसा होता या काश वैसा होता’ में उलझने की बजाय, जो वर्तमान में है, उसको संभालने और सुधारने की कोशिश करें। महात्मा गांधी ने कहा था- ‘हमारा भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम अपने वर्तमान में…