कोशिश करने वालों की हार नहीं होती। सोहनलाल द्विवेदी की यह पंक्तियाँ बिहार के नवनीत कुमार सिंह पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। नवनीत ने नौकरी छोड़कर अपनी खुद की कंपनी खोलने का साहसिक निर्णय लिया, जो आज 520 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली कंपनी बन चुकी है। यह कहानी नवनीत की उस यात्रा की है जिसमें उन्होंने संघर्ष, साहस और धैर्य से अपनी सफलता की इमारत खड़ी की।
शुरुआत: एक छोटे से गांव से बड़े सपने तक का सफर
नवनीत का बचपन बेगूसराय के मोहनपुर गांव में बीता। चार साल की उम्र में उनके पिताजी ने परिवार को शहर में शिफ्ट कर दिया, जहां उनके फूफा जी का प्राइवेट स्कूल था। वहीं से नवनीत की शिक्षा की शुरुआत हुई। 7वीं कक्षा में उनका नामांकन केंद्रीय विद्यालय में हुआ, और उनकी मां, जो केंद्रीय विद्यालय में शिक्षिका थीं, के ट्रांसफर के कारण नवनीत ने 10वीं तक की पढ़ाई असम में पूरी की।
उच्च शिक्षा और नौकरी: आत्मनिर्भरता की ओर पहला कदम
12वीं के बाद नवनीत ने बेंगलुरु के एमएस रमैया कॉलेज से ग्रेजुएशन और एमबीए की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने फ्लिपकार्ट, ओला, और स्विगी जैसी कंपनियों में कुल 6 साल तक नौकरी की। एचआर डिपार्टमेंट में काम करते हुए, नवनीत ने देखा कि कई प्रतिभाशाली युवाओं को उनके मनपसंद काम नहीं मिल पा रहे थे। इसी ने उनके मन में अपने काम की शुरुआत करने का ख्याल पैदा किया।
कंपनी की शुरुआत: सीमित संसाधनों से असीमित ऊंचाइयों तक
2016 में नवनीत ने 3 लाख 75 हजार रुपये की सीमित पूंजी से ‘अवसर’ नाम की कंपनी की शुरुआत की। बेंगलुरु में स्थापित इस कंपनी का उद्देश्य लोगों को बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करना था। शुरुआती दौर में, नवनीत के तीन दोस्तों ने भी कंपनी में निवेश किया, जिससे कंपनी की पूंजी 15 लाख रुपये हो गई। धीरे-धीरे, ‘अवसर’ ने बाजार में अपनी पहचान बनाई और आज यह कंपनी देश भर में 47 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर चुकी है।
परिवार और समाज से छुपा कर उठाया कदम
नवनीत ने अपनी कंपनी खोलने का निर्णय माता-पिता और समाज से छुपाकर लिया, क्योंकि उन्हें अंदेशा था कि उनके परिवार वाले नौकरी छोड़ने के निर्णय का समर्थन नहीं करेंगे। लेकिन उनकी पत्नी ने इस साहसिक कदम में उनका पूरा साथ दिया।
कोविड की चुनौती: अंधेरे में उम्मीद की किरण
2020 में जब पूरी दुनिया कोविड-19 के संकट से जूझ रही थी, तब नवनीत की कंपनी को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। उनके क्लाइंट्स ने 9000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया, जिससे कंपनी के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा। लेकिन नवनीत ने हार नहीं मानी और धैर्य के साथ इस चुनौती का सामना किया। ई-कॉमर्स में आए बूम ने उनकी कंपनी को फिर से खड़ा होने का मौका दिया।
भविष्य की योजना: टॉप 5 में शामिल होने का लक्ष्य
नवनीत का लक्ष्य है कि उनकी कंपनी अगले 5 वर्षों में देश की टॉप 5 सर्विस एवं एचआर प्रोवाइडर कंपनियों में शामिल हो। इसके लिए वह लगातार मेहनत कर रहे हैं और देश के बड़े-बड़े क्लाइंट्स से संपर्क में हैं।
नवनीत की सफलता की कुंजी: धैर्य, साहस और आत्मविश्वास
नवनीत कुमार सिंह की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे सीमित संसाधनों के बावजूद भी यदि आप में आत्मविश्वास और धैर्य हो, तो आप बड़ी से बड़ी चुनौती को पार कर सकते हैं। नवनीत ने साबित किया कि सही दिशा में किए गए साहसिक निर्णय आपको बुलंदियों तक पहुंचा सकते हैं।