प्रेम व करुणा

बेईमानी है अतीत पर पछतावा

जो बीत चुका है, उसको बार-बार दोहरा कर वर्तमान को नहीं सुधारा जा सकता। इसलिए ‘काश ऐसा होता या काश…

4 years ago

ये हैं आपकी समृद्धि के साथी

चांद की तरह हमारी यात्रा भी अमावस से पूनम तक पहुंचकर पूरी होती है। अभावों का अंधेरा हमें डराता है…

4 years ago