यदि आप अपने जीवन में कुछ सकारात्मक बदलाव करने के मूड में हैं, तो सबसे पहले अपने मन को स्वस्थ बनाने पर जोर दें। आइए देखें कि हम मन नामक इस शक्तिशाली तंत्र को और अधिक स्वस्थ कैसे बना सकते हैं और अधिक पूर्ण जीवन कैसे जी सकते हैं
हमारा मन एक शक्तिशाली तंत्र है, जिसे आनंद का अनुभव देने के लिए डिजाइन किया गया है। न केवल आनंद के विशेष क्षणों में, बल्कि जब भी हम चाहें यह हमें आनंदकारी अनुभव करा सकता है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि मन से ही चिंता और अवसाद आते हैं। मगर आपको अपनी राय बदलनी चाहिए। मन जीवन में सभी शक्तिशाली और खूबसूरत मूल्यों का स्रोत हो सकता है, बस जरूरत है तो इसे स्वस्थ बनाने की, जैसे-
अपने दिन में कम-से-कम एक ऐसी गतिविधि या अनुभव चुनें, जो आपको खुशी दे। वो काम करें, जिनसे आपको खुशी मिले। उन्हें करने के लिए समय निकालें, क्योंकि जब आप प्यार, सहानुभूति और प्रेरणा के गुणों पर ध्यान दे रहे हैं और उसे बढ़ावा देने के प्रयासों में समय बिताते हैं, तो आप स्वयं को उस दिशा का संकेत देते हैं, जिसे आप चाहते हैं कि आपका मन-मस्तिष्क उसे अपनाएं। जितना अधिक आप इन आनंदमय गतिविधियों के पीछे जाएंगे, आपका ध्यान उतना ही सकारात्मक होगा और आपका मन स्वस्थ रहेगा।
मन को स्वस्थ रखने का एक तरीका है हमेशा जागरूक और सतर्क रहने का प्रयास करना। इसके लिए बस एक शांत जगह पर अकेले बैठें, कुछ गहरी सांसें लें। अपना ध्यान अपनी छाती और हृदय क्षेत्र में लगाएं। यह केंद्रित होने का ऐसा अनुभव है, जो मन को उसके मूल में वापस लाता है, वहां शांति ही शांति है। इस आराम की स्थिति में कुछ मिनटों का आनंद लें। यह हमारे लिए शांति व भलाई का अनुभव करने का मार्ग खोलेगा।
क्या आपने अपने लिए कोई विजन या आगे का लक्ष्य बनाया है कि आपका जीवन कैसा होना चाहिए या आप कैसे रहना चाहते हैं? आपका विजन आपकी वास्तविकता को प्रेरणा से भर सकता है, यहां तक कि आप अपने आप को और दुनिया को कैसे देखते हैं, इसे भी बदल सकता है। यह आपको एक सही उद्देश्य, अर्थ, दिशा देने में भी मदद करेगा।
जब कभी आपकी जिंदगी में संदेह की स्थिति बने, तो सबसे पहले यह देखने के लिए खुद ही जांच करें कि आप जिस मार्ग पर जाने वाले हैं, वह आपकी दृष्टि यानी आपके विजन के अनुरूप है या नहीं। याद रखिए, विजन बनाने से आपको स्पष्टता मिलती है, जो मन को स्वस्थ रखने के लिए बेहद जरूरी है। यह आपके मन को अनावश्यक विचारों के बोझ से दूर रखता है, जो अकसर भ्रम और संदेह में पैदा होते हैं।
आप आज वही कहते या करते हैं, जो आपने कल कहा या किया था। अचेतन प्रतिक्रियाओं की इस शृंखला को तोड़ने के लिए, बस रुकें और देखें कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं। कुछ भी कहने या करने से पहले कुछ समय मौन में बिताएं। फिर अपने आप से पूछें कि क्या आपके विचार या विश्वास आपके लिए खुशी और शांति ला रहे हैं। यदि नहीं, तो अपने आप को याद दिलाएं कि आप आनंद और शांति के पात्र हैं, इसलिए आप बेहतर विचार सोचने के योग्य हैं।
मन में एक नया स्वस्थ आवेग आने देने के लिए कुछ सेकंड प्रतीक्षा करें। आपको खुद ही अनुभव होगा कि जो आपकी वास्तविक के करीब है, वही आनंद है। उसी में खुशी बनी रहती है। अपने मन को स्वस्थ रखने और अपने जीवन में अधिक आनंद और प्यार का आनंद लेने के लिए इस अभ्यास को रोजाना दोहराएं। ऐसा करके आप अपने मन को स्वस्थ बना सकते हैं।
Cortisol: The Most Misunderstood Hormone of the Decade By Fittr Coach Alka Rao Yadav Introduction:…
Amandeep Kaur: From Crisis to Champion — The Inspiring Journey of a 48-Year-Young Wellness Coach…
The Power of Partner Workouts: Why Exercising Together Creates Stronger Bodies, Better Habits & Deeper…
Adherence During a Weight Loss Plateau: The Science, Psychology & Strategy Behind Staying Consistent By…
The Powerful Fitness Transformation Story of Ritu Kothari: From Deep Loss to Unbreakable Strength A…
Mindful Fitness Choices: The Real Secret to Sustainable Results By Coach Smita Bhatnagar, FITTR When…