Categories: INSPIRATION

जनसंख्या नियंत्रण

Spread the love
हमलोग बचपन से यह पढ़ते और सुनते आ रहे हैं कि भारत जनसंख्या विस्फोट की कगार पर है। अब तो जनसंख्या की ताजा स्थिति डराने वाली है। UNICEF के आँकड़ों के अनुसार भारत में प्रतिदिन 67,385 नए बच्चे जन्म लेते हैं।विभिन्न कारणों से यह संख्या वास्तविक आँकड़ों से कम ही होगी पर खैर यदि इसे सच भी मान लें तो भी किसी तरह का विकास कार्यक्रम इतने नए लोगों को भोजन, पानी, वस्त्र और घर जैसी मौलिक सुविधाएँ एक सीमा के बाद उपलब्ध नहीं करा सकता।
बात सिर्फ भोजन , वस्त्र और आवास की नहीं है बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य भी जरुरी है। इसके अलावा सबको रोजगार की भी आवश्यकता होगी। इन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सबका सिर्फ पेट भरना है , जैसे-तैसे पढ़ाना और जी लेना है या जीवन में गुणात्मक सुधार लाना है। प्रकृति में सभी उपलब्ध तत्वों की मात्रा निश्चित है। जमीन की मात्रा निश्चित है। उसी उपलब्ध जमीन पर खेती होनी है, लोगों को घर बनाने हैं , उद्योग लगने हैं और अन्य सारे कार्य किए जाने हैं।इसी जमीन पर पर्यावरण के लिए निश्चित अनुपात में वन-क्षेत्र भी होने जरुरी हैं। पीने के पानी की मात्रा भी सीमित है। इसके अलावा दिन भर सबको पानी की अनेक आवश्यकताएँ हैं।सभी संसाधन सीमित हैं। ऐसी स्थिति में सबको गुणात्मक जीवन (Quality life) और योग्यता के अनुसार काम मिलना लगभग असंभव है।
घर में जब 1 या 2 ही बच्चे होंगे तो माता और पिता के द्वारा उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और सर्वांगीण विकास पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। इसके विपरीत यदि अधिक बच्चे होंगे तो देखभाल बहुत अच्छी होने की संभावना कम ही होगी। अत्यधिक जनसंख्या से गरीबी, कुपोषण, निम्नस्तरीय स्वास्थ्य और शिक्षा में बढ़ोतरी होगी। सबको रोजगार मिलना भी मुश्किल होगा। इन सबसे अपराध में भी वृद्धि होने की संभावना बनी रहेगी। ये सारे कारक एक-दूसरे को बढ़ावा देंगे और इससे एक अत्यंत Vicious Circle का निर्माण होगा। अतः समस्याओं के जड़ पर प्रहार आवश्यक है।
एक अच्छी जनसंख्या-नीति लागू किए जाने के बाद इसका प्रभाव देखने में भी करीब एक दशक लग जाएगा।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस नीति से हिन्दु , मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी लाभान्वित होंगे, गरीब और अमीर दोनों को लाभ मिलेगा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि घर में कम बच्चों के होने से एक व्यक्ति के रूप में उसका जीवन बेहतर होगा। इससे अंततः हमारा देश विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।इसके साथ ही यह भी सत्य है कि यदि जनसंख्या को नियंत्रण नहीं किया गया तो भविष्य में प्राथमिक वस्तुओं यथा भोजन और पानी के लिए भी युद्ध की स्थिति होगी अन्य गुणात्मक बातों को तो छोड़ ही दें ! इसके अलावा एक और बात जो कड़वी है पर सच है कि बिना सख्ती हर किसी से नियम भी नहीं मनवाए जा सकते हैं। अतः सारी बातों को ध्यान में रखते हुए भारत में यथाशीघ्र एक जनसंख्या-नियंत्रण नीति अपनाया जाना आवश्यक है।
लेखक:
अमृतेश
Additional Superintendent of Police (Operations)
Bihar Police
Amritesh Kumar

View Comments

Recent Posts

Strong, Resilient, Unstoppable: Prioritizing Women’s Health & Fitness

Strong, Resilient, Unstoppable: Prioritizing Women’s Health & Fitness By Swati Dubey, Fittr Coach Women’s health…

1 week ago

Prevention is Better Than Cure: Why Proactive Health Habits Matter

Prevention is Better Than Cure: Why Proactive Health Habits Matter By Ashima Kapoor, Fitness and…

2 weeks ago

Are You a Sleeping Beauty or a Sleep-Deprived Beast?

Are You a Sleeping Beauty or a Sleep-Deprived Beast? Decode the Science Behind Sleep Cycles!…

2 weeks ago

Anjali Arya’s 20kg Postpartum Weight Loss Journey

Anjali Arya’s 20kg Postpartum Weight Loss Journey: A Story of Strength, Discipline, and Transformation Motherhood…

2 weeks ago

Seed Cycling for Hormone Balance: Hype or Help?

Seed Cycling for Hormone Balance: Hype or Help? By Swati Dubey, Fittr Coach #fittrcoach #fitmomof2…

2 weeks ago

Home Workouts – Get Fit Without Leaving Your Living Room

Summary Building a fitness routine from the comfort of your living room is easier today…

2 weeks ago